पुलिस का दावा, झूठ बोल रहा है दिलकश, नहीं हुई 'जय माता दी' के कारण पिटाई। पढ़ें क्या थी सही वजह
New Delhi: मीडिया को आज मसाला मिल गया जब दिल्ली के बेगमपुर में एक मुस्लिम युवक दिलकश ने पिटाई के बाद आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने उसे ‘जय माता की’ कहने के लिए बोला, मना करने पर उन्होंने उसका हाथ तोड़ दिया।
अगर पुलिस की माने तो दिलकश ने झूठ बोला है, पुलिस का कहना है की दिलकश ने क्रिकेट की बॉल लगने के बाद एक बच्चे को थप्पड़ मार दिया था जिसकी वजह से दूसरे पक्ष ने उस पर हमला बोल दिया और पिटाई के बाद दिलकश का हाथ टूट गया।
बात कुछ भी हो लेकिन सिर्फ पैसों के लिए खबरों चुनी हुई ख़बरों का धन्दा करने वाले कुछ मीडिया चैनलों को एक मसालेदार खबर मिल गयी है क्योंकि यहाँ पर पीड़ित मुस्लिम समुदाय से है। डॉ नारंग की हत्या इसलिए मसालेदार नहीं दी क्योंकि वे एक हिन्दू समुदाय से थे और जब भी पीड़ित कोई हिन्दू होता है तो कुछ मीडिया उसे इग्नोर कर देते हैं। शायद इसके बाद भारत को फिर से असहिष्णु साबित करने की कोशिश की जाय।
दिल्ली की विकासपुरी में एक डॉक्टर को घर से निकालकर और सड़क पर घसीट घसीट कर मार डाला गया। वे क्षमा मांगते रहे, अपनी जान की भीख मांगते रहे लेकिन हत्यारों ने उन्हें हॉकी, डंडे और बैट से इतना मारा की उन्होंने अपने 7 साल में बेटे के सामने उन्होंने दम तोड़ दिया। वे घटना के वक्त अपने बेटे के साथ अपने घर में ही क्रिकेट खेल रहे थे, एक बार गेंद बाहर निकली, उन्होंने कुछ लड़कों को गलत ढंग से बाइक चलते देखा तो उन्हें टोंक दिया और सही से बाइक चलाने के लिए कहा। युवकों को उनका टोकना पसंद नहीं आया और उन्होंने भीड़ को बुलाकर उनके घर में घसकर उनकी बेरहमी से हत्या कर दी।
उन्ही दर्दनाक हत्या को देश के अधिकतर या सेक्युलर सोच वाले मीडिया ने इसलिए तवज्जो नहीं दी क्योंकि मरने वाला एक हिन्दू था और मारने वाले मुस्लिम समुदाय से थे। उन्हें डॉ नारंग की हत्या में कोई मसाला नहीं दिखा।
आज इस घटना की खबर मिलने के दो घंटे बाद ही ‘जय माता की’ ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा और लोग दुहाई देने लगे कि भारत में ‘जय माता की’ ना बोलने पर मुस्लिमों को मारा जा रहा है, एक युवक का हाथ तोड़ दिया गया। NDTV ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए ‘जय माता की’ को ‘जय माता दी’ लिख दिया ताकि ‘जय माता दी’ भी विवादों में आ जाए।
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