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मोदीनीति:लद्दाख़ में 100टैंकों की तैनाती से हिला पूरा चीन। पूरे चीनी मीडिया ने कैसे मिटाई बौखलाहट

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 बीजिंग। भारत-चीन सीमा के पास भारतीय सेना की ओर से युद्धक टैंकों की तैनाती किए जाने की चीनी मीडिया ने आलोचना की। साथ ही चीन के सरकारी मीडिया ने कहा कि यह कदम देश में चीनी निवेश के प्रवाह पर असर डाल सकता है। इसके साथ ही चीनी मीडिया ने आपसी गलतफहमियों को दूर करने के लिए साझा प्रयासों का आह्वान किया। 



सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में आज कहा गया है कि किसी भी संभावित खतरे का सामना करने के लिए भारत-चीन सीमा के पास लगभग 100 टैंक तैनात किए जाने की खबर पर लोगों का ध्यान गया है, क्योंकि ज्यादा चीनी कंपनियां भारत में अपना निवेश बढ़ाने के बारे में सोच रही हैं। इसमें कहा गया है कि हालांकि यह बात उलझाने वाली है कि चीन की सीमा के पास टैंक तैनात करके भी भारत चीनी निवेश हासिल करना चाहता है।

लेख में कहा गया है कि भारत-चीन सीमा के पास टैंक तैनात किए जाने से चीनी कारोबारी समुदाय को यह बात खटक सकती है। निवेशक निवेश संबंधी फैसले करते हुए राजनीतिक अस्थिरता के खतरे को मापने की कोशिश करेंगे। यह लेख भारतीय सेना द्वारा लद्दाख सीमा पर चीन की आक्रामक सेना और सीमा पर बने ढांचों के सामने टैंकों की तैनाती की खबरों का हवाला देता है।

खबरों में कहा गया है कि चीन ने भी अपनी तरफ विशेष इकाइयां तैनात कर रखी हैं और टैंकों की तैनाती इसे संतुलित करने पर केंद्रित है। इस साल मई में प्रकाशित ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2015 में भारत में चीनी निवेश छह गुना बढ़कर 87 करोड़ डॉलर हो गया।

लगभग 70 अरब डॉलर के सलाना व्यापार में 46 अरब डॉलर से ज्यादा के व्यापार घाटे का सामना कर रहा भारत बीजिंग पर निवेश बढ़ाने के लिए जोर डाल रहा है। उसने चीनी निवेशों के सुगम प्रवाह के लिए सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों को हटाया है।

निवेश का माहौल सुधारने के लिए भारत के प्रयासों को मान्यता देते हुए ग्लोबल टाइम्स के आज के लेख में कहा गया है कि भारत सरकार की ओर से विदेशी निवेश का माहौल सुधारने के लिए किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं लेकिन अब ऐसा लगता है गैर-आर्थिक कारकों को लेकर निवेशकों में घर करने वाले संदेहों को दूर करने के लिए ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए।

इसमें कहा गया है कि औद्योगीकीकरण और शहरीकरण के अपने शुरूआती दौर के दौरान, चीन ने राजनीतिक विवादों को दरकिनार कर आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया। भारत सरकार के लिए यह एक हद तक रोडमैप की तरह काम कर सकता है।



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