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सेना प्रमुख का बयान: केंद्र से पहली बार पूरी छूट। बदले का वक़्त और जगह अब हम तय करेंगे

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नई दिल्ली। सेना ने सोमवार को कहा कि भारत सीमा पार के आतंकी हमले का जवाब अपने चुने हुए स्थान और समय पर देने का अधिकार आरक्षित रखता है। जम्मू एवं कश्मीर में एक सैन्य शिविर पर हुए हमले में 18 जवानों के शहीद होने के एक दिन बाद सेना का यह बयान आया है। इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया गया है। सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने संवाददाताओं से यहां कहा कि सेना ने मारे गए चारों आतंकियों के पास से और सामान बरामद किए हैं। ये आतंकी उड़ी कस्बे के पास सेना के शिविर पर हमला करने के बाद जवाबी कार्रवाई में मारे गए थे। उड़ी नियंत्रण रेखा के पास स्थित है।


डीजीएमओ ने कहा कि मारे गए आतंकियों के पास से जो हथियार और गोलाबारूद मिले हैं, उनमें 39 यूबीजीएल ग्रेनेड, पांच हैंड ग्रेनेड, दो रेडियो सेट, दो जीपीएस यंत्र, दो नक्शे और बड़ी मात्रा में खाने-पीने के सामान और दवाएं हैं, जिन पर पाकिस्तानी चिन्ह अंकित हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सीमा की ओर से वर्ष 2016 में घुसपैठ के 17 प्रयास हो चुके हैं। उन्हें नाकाम कर दिया गया और उसमें 110 आतंकी मारे गए। सिंह ने कहा कि इनमें से कम से कम 31 नियंत्रण रेखा पार करने के दौरान मारे गए। उन्होंने कहा, “यह सीमा पार से घुसपैठियों को भेजने और भारत में गड़बड़ी पैदा करने के एक खतरनाक प्रयास का संकेत देता है। पिछले दो वर्षो में घुसपैठ के प्रयास बढ़ गए हैं।”
डीजीएमओ ने कहा, “हम अपनी पसंद की जगह और समय से इसका जवाब देने का अधिकार आरक्षित रखते हैं। हमारे पास वह इच्छित क्षमता है कि हिंसा के ऐसे घोर कार्य का जवाब हम जिस अंदाज में उचित समझें वैसे दे सकें।”


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