फेसबुक के लिए मुसलमान और भद्दी गाली में कोई फर्क नहीं, अनोखी बेइज़्ज़ती से मुस्लिमों का फूटा गुस्सा
नई दिल्ली। फेसबुक पर एक बड़ी गड़बड़ी चल रही है, जो बेहद शर्मनाक है। दरअसल फेसबुक ट्रांसलेशन टूल के जरिए यदि आप ‘माद**द’ लिखते हैं तो वह आप के इस हिन्दी शब्द का अनुवाद ‘मुस्लिम’ (Muslim) कर देता है। अगर आप इसको सरल और आसान तरीके से समझना चाहें तो इसे अनुवादिक लोचा कह सकते हैं।इसका कारण तो नहीं पता है लेकिन अगर आप फेसबुक पर मौजूद ट्रांसलेशन टूल ‘माद**द’ शब्द लिखेंगे तो इसे ट्रांसलेट कर ‘मुस्लिम’ लिख देता है। ‘माद**द’ शब्द भारत देश में कही जाने वाली एक भद्दी गाली है। लेकिन फेसबुक जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह की गड़बड़ी हो रही है, जो कि शर्मनाक है।
फेसबुक की सेवा को लोग दुनिया भर में इस्तेमाल करते हैं और अगर ये ऐसे ही जारी रहा तो इसका लोगों पर गलत असर हो सकता है। इस शब्द को लेकर गड़बड़ी को एक बड़े मीडिया हाउस ने नोटिस किया है।
दरअसल फेसबुक ट्रांसलेट जैसे टूल्स का इस्तेमाल सीखने और डाटा की जांच के लिए किया जाता है कि वो पूरी तरह ठीक हैं। हालांकि इसमें इंसान का भी हाथ होता है। फेसबुक ने 2011 में ट्रांसलेशन का फीचर लॉन्च किया था लेकिन उसने यह नहीं बताया कि आखिर वो किस तरह काम करता है और गलती होने पर इसे किस तरह ठीक किया जाता है।
यह पूरा मामला समाज में रह रहे मुस्लिम समुदाय को भड़का सकता है या कह लें कि यह एक एंटीनेशनल मुद्दा है जिसको जल्द से जल्द सही करना बहुत जरूरी है।
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