काला सच: जब गांधी ने दिया था 12साल के इस जाट को धोखा और भर दिया था उसके दिल में ज़हर
जागरूक इइंडियन इक्स्क्लूसिव: हिंदुस्तान के इतिहास में शायद बहुत काम लोगों को इस सचाई का पता है। भगत सिंह जी हाँ शहीद भगत सिंह। इतिहास में इस बात के साक्ष्य मौजूद हैं की मोहनदास गांधी ने भगत सिंह और आज़ादी की लड़ाई को एक बार पहले भी ठेस पहुँचाई थी।
बात 1919 की है जब शहीद भगत 12 साल के थे और गांधी की चर्चा ज़ोरों पर थी। क्यूँकि गांधी ने Non Cooperation Movement यानी असहयोग आंदोलन की शुरुआत की थी जिसने गांधी ने देश की जनता से आह्वाहन किया था कि वो अंग्रेज़ों के सभी सामान का पूर्ण बहिष्कार कर दें।
भगत सिंह उन लोगों में थे जिन्होंने सबसे आगे रहते हुए और गांधी को अपना नायक मानते हुए पूरे गाँव में ख़ुशी का इज़हार किया और पर्चे बाँटकर उम्र के हिसाब से आज़ादी की इस लड़ाई में योगदान की शुरुआत की।
इसी बीच कुछ गाँव वालों ने अंग्रेज़ों द्वारा 3 गाँव वासियों के क़त्ल से ग़ुस्सा होकर कुछ पुलिसवालों को जान से मार दिया। इस काली घटना को ग़ुलाम हिंदुस्तान के इतिहास में चौरी चौरा की घटना के नाम से याद किया जाता रहा है।
इस घटना से अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया। जो कि स्वतंत्रता की लड़ाई के साथ बड़े विश्वासघात के रूप में भी जाना जाता है।
आप भी इस जानकारी को Wikipedia पर पढ़ सकते हैं। Wikipedia पर भगत सिंघ लिखिए और early Life Events में आपको सबसे अहम घटना में इसका ज़िक्र मिलेगा।
https://en.m.wikipedia.org/wiki/Bhagat_Singh
हमें इतिहास में पढ़ाया जाता रहा है की मोहनदास गांधी के Non Cooperation Movement का भारत की आज़ादी में बहुत बड़ा योगदान है। पर इस घटना से काफ़ी कुछ आप समझ चुके होंगे की असहयोग आंदोलन जो कि चन्द महीनों में ही 20 February 1921 को नाकाम हो चुका था उसने आज़ादी कैसे दिलायी।
बहरहाल! इस मुहिम की जान बूझकर नाकामी ने भगत सिंघ का गांधी और अहिंसा पर से भरोसा इस क़दर तोड़ दिया कि उन्होंने ग़ुस्सा अपना नया हथियार चुना और मार्क्सवादी विचारधारा की ओर आकर्षित हुए।
दोस्तों! अगले अंक में पढ़िए गांधी के और नक़ली आंदोलन और उनसे हुए प्रभाव। कैसे असहयोग आंदोलन को वापस लेकर कमज़ोर हुए भारत की आज़ादी के सपने ने नोजवानो का देश भार के सरकारी संस्थानों में भर्ती होना भी मुश्किल कर दिया और कैसे लाला लाजपत राय जी ने नैशनल कॉलेज खोलकर देश के नौजवानों को अनपढ़ रहने से बचाया और कैसे हुए गांधी सुभाष बोस साहब के ख़िलाफ़।
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