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सोशल मीडिया पर गालियों से परेशान हुआ NDTV, जेटली ने कहा सरकार क्या करे!

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नई दिल्ली : लंबे समय से सोशल मीडिया का निशाना बनी हुई एनडीटीवी से जुड़े मीडिया की बड़ी हस्ती माने जाने वाले प्रणॉय रॉय ने गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली से साक्षात्कार के दौरान सोशल मीडिया पर लगाम लगाने की सरकार की पॉलिसी पर सवाल क्या किया, पूरा का पूरा सोशल मीडिया एक बार फिर प्रणॉय रॉय के खिलाफ नजर आने लगा। शुक्रवार को ट्विटर पर हैशटैग #CrimesOfNDTV ट्रेंड करने लगा। पहले भी एनडीटीवी पर जमकर बरस चुके लोगों ने इस साक्षात्कार के बाद एक बार फिर से एनडीटीवी पर जमकर निशाना साधना शुरू कर दिया।

लोगों ने अपनी नाराजगी की वजह यह बताई कि अब तक सरकार के साथ अंदर खाने मिलकर नई-नई पॉलिसी बनाने में अहम भूमिका निभाने वाली इस मीडिया को अब यह रास नहीं आ रहा कि सोशल मीडिया पर आम आदमी भी अब उनके खिलाफ लिख व बोल रहा है। यही नहीं, लोगों ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया की ताकत को महसूस करने के बाद प्रणॉय रॉय ने इस साक्षात्कार के दौरान सरकार पर उनकी पॉलिसी बदलने के लिए दबाव भी डाला पर अपने हक में उन्हें कुछ भी नहीं मिला। 

गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोशल मीडिया को लेकर गुरुवार को जो बयान दिए, उसके बाद से सोशल मीडिया की प्रासंगिकता और असर को लेकर कई सवाल खड़े होने लगे हैं। यही नहीं, वित्त मंत्री के इस बयान को 'ऑनलाइन क्रूरता' और महिला पत्रकारों व कुछ अन्य के साथ 'अपशब्द' का इस्तेमाल करने  को लेकर शिकायत के रूप में दर्ज भी कर ली गई है। इसके बाद ही सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा इस तरह नजर आने लगा।

बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को प्रणॉय रॉय के साथ साक्षात्कार के दौरान 'ऑनलाइन ट्रॉलिंग' (या कहें कि सोशल मीडिया के जरिये लोगों को फांसने की तकनीक) पर खुलकर अपनी राय दी थी। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति विशेष के जरिये किए जाने वाले 'ऑनलाइन ट्रॉलिंग' पर किसी भी पार्टी का कंट्रोल नहीं होता इसलिए लोगों को अब इसके साथ जीने की आदत डाल लेनी चाहिए।

प्रणॉय रॉय ने जेटली से पूछा था कि क्या वे 'ऑनलाइन ट्रॉलिंग' पर नियंत्रण कर सकते हैं? तो इस सवाल के जवाब में जेटली ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि इस तरह की सेंशरशिप पॉसिबल है।"

जेटली के मुताबिक, "इस तरह की गतिविधियों में पार्टी का कोई योगदान नहीं होता। पार्टी अपने कार्यकर्ताओं, निर्वाचित सदस्यों और स्पोक्सपर्सन को तो ऐसा करने से रोक सकती है लेकिन 'ट्रॉलिंग' व्यक्ति विशेष द्वारा की जा रही है। फिर मुझे नहीं लगता कि ऐसे लोग किसी भी पार्टी के सिद्धांतों से बंधे हैं।"

जेटली ने यह भी कहा, "सोशल मीडिया पर किए जा रहे इस तरह के अनुत्तरदायी कमेंट्स पर लोगों को शांतिपूर्वक आपसी सहमति के साथ चर्चा करनी चाहिए। हालांकि मैं समझता हूं कि अब लोगों को ऐसी बातों के साथ जीने की आदत डाल लेनी चाहिए। हमें ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। ऐसी बातों को हजम करने का हुनर सीखना चाहिए। हमें खुद अपनी स्ट्रैटजी भी तय करनी चाहिए।" 

जेटली ने आगे कहा कि सोशल मीडिया ने जिस तरह का माहौल तैयार कर दिया है, उसमें किसी भी मुद्दे पर तार्किक बहस संभव नहीं है। खासकर तब जबकि यहां इस तरह की 'ट्रॉलिंग' को दावत दी जा रही हो।

वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने बार-बार इस ओर ध्यान दिलाया है कि देश में आम लोगों को अपनी बहस व बातचीत का स्तर उठाना चाहिए। संसद और संसद के बाहर लोगों को मुद्दों पर फोकस होना चाहिए न कि किसी खास पर्सनैलिटी पर। अंत में जेटली यह कहना भी नहीं भूले कि सोशल मीडिया का इस कदर किया जा रहा गलत इस्तेमाल बहुत जल्द उसे उसके अंत तक पहुंचा देगा।

गौरतलब है कि बीते कुछ समय में सोशल नेटवर्किंग साइट 'ट्विटर' व 'फेसबुक' पर एनडीटीवी के खिलाफ #NDTVShutdown और #CrimesOfNDTV जैसे हैशटैग्स ट्रेंड करते रहे हैं, जिस पर लोगों ने एनडीटीवी के खिलाफ जमकर अपनी नाराजगी व्यक्त की। 

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