मोदीनीति: 100टैंकों के बाद दुनिया की सबसे ताक़तवर मिसाइल भी लद्दाख़ पर तैनात,इस बार रो ही पड़ा चीनी मीडिया।
चीन की तरफ से लगातार हो रही घुसपैठ की कोशिशों के जवाब में भारत सरकार ने एक बहुत ही सख्त और महत्त्व पूर्ण कदम उठाते हुए भारत-चीन की सीमा पर दुनिया की सबसे तेज मिसाइल ब्रम्होस को तैनात करने का फैसला लिया है |
अपने इस कदम पर अपना रुख साफ़ करते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने कहा कि इस मिसाइल की सीमा पर तैनाती पारंपरिक शक्ति सामंजस्य के तहत की जा रही है, इसके साथ ही इस मिसाइल को “trajectory manoeuvre and steep-dive capabilities” से भी लैस किया जायेगा, जोकि पहाड़ों पर युद्ध में भारत को अजेय बना देगा,
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा सम्बन्धी कैबिनेट बैठक में सरकार ने इस प्रस्ताव को पारित कर दिया है, और इसके 4300 करोड़ के बजट का आवंटन किया है |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा सम्बन्धी कैबिनेट बैठक में सरकार ने इस प्रस्ताव को पारित कर दिया है, और इसके 4300 करोड़ के बजट का आवंटन किया है |
सरकार ने सीमा सुरक्षा पर बड़ा कदम उठाते हुए 100 मिसाइलों, 5 ऑटोनोमस लांचर, मोबाइल कमांड पोस्ट की तैनाती पर मुहर लगाई है |
290 किलोमीटर तक मार्क क्षमता वाली यह मिसाइल अपने साथ 300 किलोग्राम तक के परमाणु हथियार ले जा सकती है | ब्रम्होस मिसाइल को समुद्र, हवा और आसमान यानि नेवी, आर्मी और एयरफोर्स तीनों के लिए ही उपयुक्त मिसाइल है | इस मिसाइल की स्पीड 2.8 मैक है |
दुश्मन के रडार और सुरक्षा घेरे को भेदने में सक्षम इस मिसाइल को अरुणाचल प्रदेश में चीन से जुड़ी सीमा पर तैनात किया जाएगा, सरकार की मंशा चीन के बॉर्डर से जुड़ी भारतीय सीमा के पूरे 4057 किलोमीटर के LOC पर मिसाइल तैनात करने की है | ब्रम्होस-III 75 डिग्री तक घूमकर मार करने में सक्षम है और DRDO के वैज्ञानिक इसे 90 डिग्री करने का प्रयास कर रहे हैं |
ब्रह्मोस एयरोस्पेस के मुख्यकार्यकारी अधिकारी सुधीर मिश्र ने कहा है कि 2500 किलोग्राम की भारी भरकम सुपरसोनिक मिसाइल को लेकर उड़ान भरने वाली दुनिया की पहली एयरफोर्स बन गयी है भारतीय वायुसेना | उन्होंने यह भी कहा है कि और भारत पहला ऐसा देश बन गया है जिसकी वायु सेना के पास सुपरसोनिक मिसाइल को हवा से दागने की तकनीक मोजूद है |आने वाले समय में हम ऐसे और भी कई परीक्षण करेंगे जिनमें हवा से जमीन पर मार करना और हवा से हवा में मार करना आदि शामिल होंगे | बाद में हम सुखोई को इन्ही विमानों की तर्ज में बदलाव करते हुए ब्रह्मोस से लैस कर देंगे जिसके बाद भारतीय वायु सेना कई गुना और घातक हो जाएगी |
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